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आत्मनिर्भर्ता का मापांकन

क्शमता वृध्दी के निरीक्षण की विधी की एक मोटी रूपरेखा

के द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.

translated by Monika Krishnan


विवरण

समुदाय की आत्मनिर्भर्ता में बढ़त को कैसे मापना

सामने प्रस्तुत समस्याः

हमारा मक्सद साफ है; हम समुदायों को बलवान करना चाहते हैं. हमारे पास ऐसा करने के लिए कार्य-प्रणाली तो है लेकिन हम यह कैसे जाने कि हम इस कार्य को पूरा करने मे कामयाब हुए हैं और किस हद तक? इस सवाल को अलग तरह से पूछा जाय तो, "समुदायों की शक्ती की बढ़त का हम जो दावा कर रहें हैं, उस बढ़त को कैसे मापा जाए?" दूसरी तरह से कहा जाय तो, "समुदायों को बलवान करने, उनकी क्षमता को बढ़ाने तथा उनको आत्मनिर्भर बनाने से हमारा क्या तात्पर्य है?" इन तीनों को (१.आत्मनिर्भर बनाना, २.बलवान करना, ३.क्षमता बढ़ाना) आपस मे बदल-बदलकर इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन ऍसा हो सकता है कि अलग-अलग लोग अपनी पसन्द के अनुसार एक शब्द को बाकी दो शब्दों से बहतर माने.

उदाहरण के लिए, "आत्मनिर्भरता वृध्दी" जैसे शब्द राजनैतिक लग सकते है, जबकी "क्षमता का विकास" "कई संदर्भों मे इस्तेमाल होता है" (यानीं राजनैतिक नही लगता) इसलिए, अपने-अपने क्षेत्रों में माहिर विशेषज्ञ, जो राजनैतिक उद्देशयों से दूर रहना पसन्द करते हो, "क्षमता" को इस्तेमाल करना पसंद करें. "बलवान करना" कि जगह शायद इन दोनो के बीच कहीं हो. तो देखा जाता है कि "मापांकन" और मापांकन की "परिभाषा" मे काफी नज़्दीकी रिशता है.

हमारे ध्यान मे आया है कि, समुदाय को बलवान बनाने के कार्यक्रम के लक्ष्यों मे से एक लक्ष्य है जिसकी ओर सबसे कम प्रगती हुई है, वह है एक ऐसी (निरीक्षण प्रणाली) की स्थापना, जिसके द्वारा समुदाय को बलवान बनाने के प्रयत्नों के नतीजे का मूल्यांकन किया जा सकता है. मापांकन की दो ज़रूरतें है - एक यह जानना कि किस चीज़ का मापांकन हो रहा है और दो, कि यह मापांकन किस तरह से की जानी चाहिए. (यानी कि कौनसे उपकरण / औज़ार इस्तेमाल किए जाने चाहिए). वैसा, हमारे स्नेह और दिलचस्पी का विषय, यानी "समुदाय" , की परीभाषा को निश्चित करना कठिन हो सकता है. यहां देखिए, "समुदाय क्या है?" यहां समुदाय से हमारा मतलब है, एक ऍसी चीज़ जो व्यक्तियों के केवल संग्रह से कही बढ़कर है; वह एक संगठन है, एक समुदाय रूपी महा-प्राणी जिसे हम शक्तीशाली बनाना चाहते है. इस दौरान अगर समुदाय के लोगों की व्यक्तिगत उन्नती होती है तो इसमें कोई हर्ज़ नही, लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य है, समुदाय की सामूहिक क्षमता को बढ़ाना.

अफसोस कि बात है कि, हमारे पास मापांकन कि कोइ मीटर नही है जिसकी सूई को देखकर कहा जा सकता है कि क्षमता में १६ अंक की वृध्दी हुई है, क्योंकी मीटर की सूई ६२ से ७८ तक गई है. तो इसके बारे मे क्या किया जाय? शायद "शक्ती", "आत्मनिर्भर्ता" or"क्षमता" के विशयों का समुदाय की दृष्टी से विश्लेषण किया जा सकता है. इन विशयों के अनेक अंशों के आधार पर हम क्षमता या आत्मनिर्भर्ता में बढ़त को परखने का प्रयत्न कर सकते हैं.

आत्मनिर्भर्ता के अनेक पहलूः

समुदाय तथा सामूहिक क्षमता के वे कैनसे पहलू है जिनमे समुदाय या संगठन की बढ़ती आत्मनिर्भर्ता के बदलाव आता है.

यहां लिन्क किजिएः समुदाय की आत्मनिर्भर्ता के सोलह पहलू.

मापांकन विधियां:

शक्ती के बदलते स्थरों को कैसे मापा जाय ? यहां लिन्क किजिएः आत्मनिर्भर्ता की सामूहिक मापांकन विधियां.

समुदाय के उध्देश्यों और समुदाय को बलवान बनाने वाली संस्था के उध्देश्यों में फर्क है. उदाहरण के लिए, समुदाय का एक उद्देश्य हो सकता है पानी का बन्दोबस्त करना या चिकित्सालय खडा करना, या जो भी सलाहकार की मदद के साथ तय किया गया हो दूसरी ओर जिस संस्था से सलहाकार जुडे हैं, उस संस्था का उध्देश्य कुछ और है. वह है समुदाय को उसकी आत्मनिर्भर्ता के द्वारा बलवान बनाना (क्षमता बढ़ाना, स्वावलम्बी बनाना).

इस फर्क के कारण संस्था द्वारा निरीक्षण और मापांकन तथा समुदाय द्वारा निरीक्षण और मापांकन के नतीजे अलग-अलग होंगें, क्योंकि वे दोनो अलग-अलग लक्षयों की ओर प्रगती का मापांकन कर रहें है. चिकित्सालय के निर्माण का निरीक्षण करना इतना मुशिकल काम नही; उदाहरण के लिए, रिपोर्ट में यह दर्ज किया जा सकता है कि चिकित्सालय की नींव तैयार हो गयी है, या फिर उसकी एक दीवार खडी कर दी गयी है. इसके विपरीत समुदाय की बदलती शक्ति की निगरानी करने का मतलब है, समुदाय के बदलते सामाजिक लक्षणों को समाज शास्त्रीय विधि द्वारा नापना. (जैसा की ऊपर बताया गया है).

इसके बावजूद कि दोनो के लक्षयों मे अंतर है, यह ज़रूरी है कि समुदाय अपनी शक्ती के मापन तथा शक्ती की बढ़त के मूल्यांकन, दोनो मे पूरा हिस्सा ले. चिकित्सालय के निर्माण एक सीमाबद्ध लक्षय है और इसके पूरे होने का मतलब स्पष्ट है. यह साफ ज़ाहिर हो जाता है कि चिकित्सालय पूरी तरह से तैयार हो गया है. समुदाय की आन्तमनिर्भर्ता या क्षमता मापन का काम निरन्तर चलता रहता है, इस लक्ष्य के पुरा होने का कोइ स्पष्ट संकेत नही है.

समुदाय (यानी उसके सभी सदस्यों को एक साथ संगठित हो कर, न कि कुछ गिने चुने समूहों या प्रभावशाली व्यक्तीयों)को ही मुख्य रूप से यह निशिचत करना है कि क्या शक्ती में बढ़त हुई है, उपर दिए गए पहलूओं में से कैनसे पहलू इस ब्ढ़त का कारण हैं और क्या इन्की अभी भी ज़रूरत है कि नही. किसी भी सुविधा के निर्माण के निरीक्षण और इस सुविधा का निर्माण करने वाले समुदाय की शक्ती मे बढ़त के निरीक्षण के बीच के अंतर को ध्यान में रखते हुए, समुदाय के निरीक्षण के फल को अलग अलग प्रणालीओं द्वारा एकत्रित किया जाना चाहिए.

आत्मनिर्भर्ता मापांकन कार्यशाला के निर्देश पत्र:

उपर दिए गए दो मूल लेख्य पत्रों, (१) आत्मनिर्भर्ता के सोलह पहलू तथा (२) क्षमता वृध्दी को मापने की एक सामूहिक विधि , के साथ-साथ, इस माड्यूल के अंतरगत, कई अन्य कार्यशाला निर्देश पत्र तैयार किए गए हैं.

ये हैं: आत्मनिर्भर्ता के सोलह पहलू, निर्देश पत्र;क्षमता वृध्दी पर भाग लेने वालों के विचार , निर्देश पत्र; and the शक्ती मे बदलाव को मापने का फार्म, निर्देश पत्र.

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एक कार्यशाला:


एक कार्यशाला

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© कॉपीराइट १९६७, १९८७, २००७ फिल बार्टले
वेबडिजाईनर लुर्ड्स सदा
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आखरी अपडेट: २०.०७.२०११

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