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समाज अपन कार्य खुद चुनता ह

चुनाव अधिकारिकरण की चौखट है

के द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.

translated by Shilpa Sharma


शिक्षण हेन्ड्आऊट

एक समाज को अपने भविष्य को निर्धारित करने का अधिकार (और जिम्मेदारी ) है

आपके सार्वजनिक संवाद और अभिज्ञता फैलाने का केंद्र होगा समाज का कार्य का चुनाव.

आपकी सफलता के लिये बहुत जरुरी है के अन्तिम निश्चय पुरे समाज का हो नाकि केवले समाज के एक या दो विभागो की इच्छा.

कार्य को खत्म करने के लिये बहुत उत्सुकता और दबाव होगा, चाहे वो पाखाना या चिकित्सालय या निर्माण हो या पानी की पर्याप्तता, किरायेदारो के अधिकारो कि रक्षा करने के लिये नया कानून, या कोई समाज सेवा का कर्य. इस उत्सुकता और दबाव को आपका ध्यान खींचने ना दें.

समाज का अपना लक्ष्य है (मिसाल के तौर पर पाखाना) जबकि आपका अपना लक्ष्य है (समाज अधिकारिकरण). यह दोनो समान नहि है. आप समाज कि सहायता करें और उसे मार्गदर्शन दें अपने लक्ष्यो को पाने के लिये, सहि तरिके से, जितना भी समय लगे.

राजनयिक (नेता), पत्रकार और प्रशासक आपको समाज के लक्ष्यो (मिसाल के तौर पर पाखाना का निर्माण) के आधार पर जांचेगे. इसके झांसे मे मत आइये. पाखाना का निर्माण आपका "माध्यम" है आपका लक्ष्य नहि.

अगर इसका निर्माण समाज के अधिकारिकरण के बगैर हो, लिंग मे संतुलन कि वृद्धि के बिना हो, पारदर्शीता मे बढाव के बगैर हो, आत्मनिर्भरता की बढ़ती के बगैर हो तो फिर आप अपने लक्ष्य को पाने मे सफल नहि हुए है.

समाज मे निर्माण के लिये संसाधन (मिसाल के तौर पर पैसा, नल, छत बनाने का समान) इकठ्ठा करना अपेक्षाकृत आसान है, मगर यह हमेशा दीर्घकालिक नहि होता; समाज के लोगो को यह नहि लगेगा के वह इन संसाधनो के अधिकारी है, और वह इनके अनुरक्षण की जिम्मेदारी नहि लेंगे.

आप राजनयिक (नेता) या पत्रकारो के अल्पकालिक लक्ष्य जो पाखाना का निर्माण है वह समाज के लिये पा लेंगे, मगर आप समाज सेवक के तौर पर अपने दीर्घावधि लक्ष्य जो समाज को बलवान बनाने का है उसको पाने मे नाकाम रहेंगे.

अगर यह काम ठीक से नहि होता तो इसे करना व्यर्थ है. "प्रबंध" दृष्टिकोण समाज को कमजोर बनाता है और बढावा देता है समाज को कमजोर बनाने वाले "निर्भरता लक्षण."

>जब समाज तैयारी कर ली है (अभिज्ञता बढु चुकि है, एकता सुधर चुकि है, सही जानकारी उपलब्ध है, प्राथमिक कार्यो का चुनाव हो चुका है), तब वह तैयार है कार्य करने के लिये.

अगला मोड्युल आपको यह भूमिका कैसे निभाये वह सिखायेगा.

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© कॉपीराइट १९६७, १९८७, २००७ फिल बार्टले
वेबडिजाईनर लुर्ड्स सदा
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आखरी अपडेट: १९.०८.२०११

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