निरीक्षण और मूल्यांकन की विशिष्टता
परिभाषा और उद्धेश्य
अनुवादक निर्मला रामकृष्णन
कार्यशाला पुस्तिका
निरीक्षण
क्या है और इसके उद्धेशय क्या हैं
- इसका विवरण यहाँ पढ़ें
निरीक्षण
क्या है?
समाज
सेवा के कार्यक्रम या परियोजना की
गतिविधियों का नियमित रूप से देखरेख
करना ही "निरीक्षण" है. यह वह प्रक्रिया
है जिसके द्वारा समाज सेवा कार्यक्रम
के विविध पहलुओं के बारे में नित्य,
जानकारी इक्कठ्ठा किया जाता है.
निरीक्षण
करने का मतलब - कार्यक्रम की गतिविधियों
को जाँचना है कि वह कैसे आगे बढ़ रहीं
है. यह देखरेख की क्रिया नियमित और
उद्देश्यपूर्ण है.
निरीक्षण
करते समय परियोजना के विकास और स्थिति
की जानकारी दाताओं और हिताधिकारियों
को देने के साथ साथ इसके संचालकों
को इस जानकारी के आधार पर प्रतिपुष्टि
(या फीडबैक) भी दी जाती है.
निरीक्षण
के द्वारा प्राप्त जानकारी का सही
विवरण करने से, यह जानकारी परियोजना
के उपलब्धियों को सुधारने के लिए
आगे निर्णय लेने में काम आती है.
निरीक्षण
करने के उद्देश्य:
एक
परियोजना की योजना करने (आयोजन) और
उसकी अमल में लाने (कार्यान्वयन)
के लिए निरीक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण
है.
यह
वैसे ही है जैसे साइकिल चलाते समय
हम हर वक्त ध्यान रखते हैं कि हम कहाँ
जा रहें हैं - जाते जाते हम सही रास्ते
पर जाने के लिए अपनी दिशा बदलते रहते
हैं.
निरीक्षण से प्राप्त जानकारी के कई उपयोग हैं:
- समाज और उसकी परियोजना की परिस्थिति का आँकड़ा लेते समय;
- परियोजना के संसाधन का सही उपयोग हुआ है की नहीं - यह निर्धारित करने के लिए;
- समाज और उसकी परियोजना की समस्याओं को पहचानने के लिए और उनका हल ढूँढने के लिए;
- यह सुनिश्चित करने के लिए की परियोजना के सभी कार्य ठीक से सही व्यक्तियों द्वारा समय पर किए जा रहें हैं;
- एक परियोजना के अनुभव से मिले ज्ञान को दूसरे में उपयोग करने के लिए; और
- यह निर्धारित करने में की जिस तरह से इस परियोजना का आयोजन और कार्यान्वयन हुआ, वह सबसे उचित तरीका था या नहीं.
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