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हेंडआउट अवाम ब्रीफिंग

पड़े जाने के लिए लिखे

द्वारा फिल बार्टेल, PhD

अनुवादित द्वारा


ग्वेन शेपहार्ड को समर्पित

प्रशिक्षण हैंडआउट्स

बैठक के लिए हेंडआउट कैसे लिखे

इस अवलोकन के साथ शुरुआत कीजिये की कई लोगो को, यह शायद सबको, पड़ने में दिलचस्पी नहीं है, जब ऐसा करने में महनत लगती है. यह ज्यादातर तब होता है जब विषय नया हो यह अनजाना हो.आपका, लेखक के रूप में प्रथम कार्य यह है की, आओउसे पड़ने में आसान बनाये.

लंबाई:

पहले हमें यह लग सकता है की इसका मतलब है सिर्फ छोटे दस्तावेज लिखे. है ना.

हमें पता है की इसे पड़े जाने की सम्भावना तब ज्यादा है जब यह छोटा होगा. एक अकेला पेज बैठक में प्रतिभागियो को बांटने के लिए बहुत है जब आप उन्हें केवल किसी मुद्दे के बारे में सूचित करना चाहते है,

उसे छोटा रखने के लिए, उसे एक मुद्दे पर केन्द्रित मत रखिये. बहुत सारी सुचना छोटी जगह चिपटा दी जायेगे. इसे पड़ने मुश्किल हो जाता है. दस्तावेज को ऐसे मत लिखिए की वेह केवल उन लोगो को समझ में आये जो विषय से परिचित हो. आप उन लोगो तक पहुंचना चाहते है जिन्होंने इस विषय के बारे में कभी नहीं सुना है.

अधूरे वाक्यों का प्रयोग न करे; सूचि अवं नोट्स न बनाये. हमेशा पुरे वाकये का प्रयोग करे, और हर विषय की भूमिका ऐसे बंधे जैसे पाठक ने उनके बारे में कभी न सुना हो. यदि जरूरत पड़े तो एक पन्ने से ज्यादा का इस्तेमाल कीजिये, और अपने विचारो को इस तरह पेश करे की पाठक पड़ने के लिए आकर्षित हो न की उसे देख कर घबरा जाए.

एक पेज का दस्तावेज अच्चा है, पर अगर उसमे ज्यादा सुचना भरी हो, तब वेह अच्चा नहीं लगेगा.

रंग:

रंगों का इस्तेमाल कुछ हिस्सों को उजागर करने के लिए मत करें. यह दस्तावेज को ज्यादा केन्द्रित बना देता है.

विभिन्न रंगों का इस्तेमाल दस्तावेज को ख़राब बना देता है जैसे कोई राजनैतिक अथवा धार्मिक पथ हो है कोई वाणिज्यिक विज्ञापन हो. एक रंग का इस्तेमाल कीजिये (आम तौर पर काला). अन्य रंगों का इस्तेमाल शीर्षक को लिखने के काम आ सकते है. इसी तरह क्षेत्रो का रेखांकन भी न करे. शब्दों को तिरछा करना भी सही नहीं होगा.

सब को एक ही रंग में लिखने से, आपके पाठक को अलग अलग रंगों का मतलब दूंधने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह समय और महनत की क्षति है, यह पाठको को विचलित कर देते है.

दस्तावेज की शुरुआत

वेह दस्तावेज जो आप चाहते है कोई पड़े, उसकी शुरुआत होनी चाहिए किसी "पकड़ने वाले शब्द" से. बोरिंग शुरुआत इस बात को तय कर देगा की आपके पाठक उसे पूरा नहीं पड़ेंगे. इसे एक साहसिक वाकये से शुरुआत करना चाहिए, या किसी आकर्षक सवाल से. सही सन्दर्भ में, किसी चुटकुले से भी शुरुआत हो सकती है, अगर सही हो तो.

हमारे कार्य में, समुदाय की समस्याए, और समुदाय द्वारा उन हल करने के तरीके, बहुत सारे विषय पैदा करते है जिनसे दस्तावेज की शुरुआत हो सकती है.

यदि मुमकिन हो तो आप आंकड़ो से भी शुरुआत कर सकते है. उदहारण के किये, एक क्षेत्र में कितने लोग बीमार है या मर रहे है, दुसरे क्षेत्रो की तुलना में? कितने नौजवान लोगो को एड्स के रोकथाम के तरीके पता है फिर भी वेह असुरक्षित सेक्स करते है?

पाठक में रूचि जगाओ. इस तरह वेह आगे भी पड़ेगा.

मध्य:

एक बार आपको पाठक का ध्यान मिल गया, तो यह जरूरी है की वेह बनाया रखा जाए. एक अच्चा तरीका यह है की तर्क-वितर्क किया जाए. यह विवाद नहीं है. यह बयानों का संग्रह है जो पाठक को एक तर्क से दुसरे तर्क तक ले जात है.

अपने वाक्यों को सरत, छोटा, सामान्य अवं पूरा रखे, और इस्तेमाल कीजिये सक्रिय आवाज की. वाक्यों में सूचि और नोट्स का प्रयोग न करे.

मैं भी छोटे पैराग्राफ का इस्तेमाल करता है, और उनके ससक उप-शीर्षक का इस्तेमाल तारका हूँ हर नए विषय के लिए. पाठक से बिना बात किये, अपने दस्तावेज को पाठक के लिए aasaan बनाये के वेह आपकी रिपोर्ट को समझ सके.

दस्तावेज़ का अंत:

हर विषय जो आपने शामिल किया है उसका एक निष्कर्ष होना चाहिए. निष्कर्ष निम्नलिखित को शामिल कर सकता है.

पाठक को कुश करिए की उसने दस्तावेज पूरा पड़ लिया और वेह संतुष्ट है. याद रखिये जाब आप इन्हें बात रहे है, तो प्रतिभागियो का ध्यान आप से अलग हो जायेगे. या तो आप उन्हें पड़ने का समय दे बिना किसी दुसरे विषय की बात करके, या उस दस्तावेज की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिये जब वेह पड़ रहे हो.

निष्कर्ष

ऐसा दस्तावेज जिसे पड़ा न जाए वेह एक बेकार दस्तावेज है.

यदि आप हेंडआउट बनाना चाहते है, तो इस प्रकार बनाये की वेह आसान अवं दिलचस्प हो. उसे छोटा रखे पर केन्द्रित न होने दे. रंगों का इस्तेमाल न करे, अवं अन्य स्वरूप को भी न छेड़े. शुरुआत के लिए किसी दिलचस्प बात का प्रयोग करे, फिर तर्क-वितर्क करे और अंत में निष्कर्ष निकाले.

एक पड़ा हुआ दस्तावेज आपकी बात को आगे बदता है.

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© कॉपीराइट १९६७, १९८७, २००७ फिल बार्टले
वेबडिजाईनर लुर्ड्स सदा
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आखरी अपडेट: २६.०८.२०११

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