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निधि एकत्रित करने के नियम और तरीकेके द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.
दीप्ति राणा द्वारा रूपांतरितसंदर्भ प्रलेखसंक्षेप : यह प्रलेख निधि एकत्रित करने के नियम और तरीकों के लिए दिशा निर्देश और सुझाव देता है जिनका उद्देशय सामुदायिक परियोजनाओं का वित्तपोषण वीत्तयन है | निधि एकत्रित करना किसी भी सी.बी.ओ., एन.जी.ओ और समुदायों की सशकतता का अहम हिस्सा है; आर्थिक (और गैर आर्थिक) योगदान उन्हें अपनी वान्छित और आयोजित गतिविधियाँ के लिए चाहिए होता है | संसाधन प्राप्त करना बहुत ही वान्छित और आदरणीय कार्य है, निधि एकत्रित करने वालों की विशेष रूप से सराहना करनी चाहिए | निधि एकत्रित करना सब की ज़िम्मेवारी होनी चाहिए और सबको इसमें योगदान करना चाहिए | प्रवेशन : निधि एकत्रित करने के कई तरीके और कौशल (कुछ यहाँ पर इस्तेमाल किए गये हैं) , क्रय- विक्रय के व्यवसाय से लिए गये हैं और लिए भी जाते हैं( कई एन.जि.ओ'स में निधि एकत्रित करने को क्रय -विक्रय भी कहते हैं) | क्रय - विक्रय और बिक्री के गुण बहुमूल्य होते हैं, प्रंतु इनका इस्तेमाल नैतिक रूप से होना चाहिए | सर्वप्रथम हर निधि एकत्रित करने वाला सहायक को (चाहे वो वैतनिक हो या अवैतनिक) उस संस्था के मूल्यों, ईमानदारी, हितलाभ और गतिविधियाँ जिन में निधि का प्रयोग होगा, में द्रिद निश्चय होना चाहिए | हर समुदाय का चरित्र भिन्न होता है इसलिय यह दिशा निर्देश हर समुदाय के हिसाब से बदल लेने चाहिए | 1. निधि एकत्रित करने के नियम : निधि एकत्रित करने के नियमों और निधि एकत्रित करने के तरीकों में बहुत अंतर है | यह दस्तावेज़ दोनों की चर्चा करता है | यह भाग नियमों पर केंद्रित है | 1.1 क्रय - विक्रय का व्यवसाय : कई निधि एकत्रित करने के गुण और तकनीक जो एन. जी. ओ और संयुक्त राष्ट्र की एजेन्सीस इस्तेमाल करती हैं, वो विक्रय के व्यवसाय द्वारा बनाई गयी हैं और वहाँ से ली गयी हैं | कई लोग (जो इस व्यवसाय से जुड़े नहीं हैं या जो इसमे कामयाब नहीं हैं ) इस गतिविधि को मानवद्वेषी और कपट के रूप में देखते हैं | शायद इसलिए कि कुछ लोग ऐसा करते हैं, लेकिन यह ऐसी नहीं होनी चाहिए और ज़्यादातर ऐसी नहीं होती है | यदि कोई विक्रय के व्यवसाय का आदमी पूरी सच्चाई से अपने उत्पाद के दाम में यकीन करता है, तो बिक्री सच्चाई और नैतिक तरीके से होती है | नैतिक ईमानदारी और सच्चाई के सिद्धांत निधि एकत्रन पे लागू होते हैं | निधि एकत्रित करना संगठन के सभी सदस्यों की ज़िम्मेवारी होनी चाहिए, यद्यपि वह कई तरह से इसमें भाग ले सकते हैं | यह काम केवल पेशेवर लोगों पर ही नहीं छोड़ा जान चाहिए है | इसलिए हम सबको / आपको निधि एकत्रित करने के तरीकों और सिद्धांतों का पता होना चाहिए | सबसे पहले और बहुत अहम है कि निधि एकत्रित करने वाला संगठन की ईमानदारी और इस संगठन की परियोजना या गतिविधि के लाभ से पूरी तरह आश्वासित से हो | भावी और पुराने प्रदाता बहुत जल्दी झूठ, फरेब और दान के पैसे की बेईमानी को भाँप लेते हैं | 1.2 दान की अभिस्वीकृति : अभिस्वीकृति बहुत ज़रूरी है | कई प्रदाता समुदायों में इज़्ज़त और मान पाने के लिए दान का सहारा लेते हैं | हर प्रदाता की प्रशंसा करना बहुत ही छोटा दाम है | हमें यह आश्वासित करना चाहिए की जो समुदायों को हम मदद कर रहें हैं वो यह जानें कि हर दान का आभार प्रकट करना है, और प्रदाताओं की समुदाय के प्रति भक्ति और उनके दिए गये दान (आर्थिक या गैर आर्थिक) की प्रशंसा करनी है| 1.3 धन्यावाद ! निधि एकत्रित करने में, एक सफल एन.जि.ओ , सी.बी.ओ, या सामुदायिक परियोजना को चलाने में सबसे महत्वपूर्ण शब्द हैं, "धन्यवाद"! कई एन. जी. ओ. के कार्यकर्ता अक्सर यह सोचते हैं कि उनकी गतिविधियों के प्रति लोगों की उत्सुकता कम क्यूँ हो गयी है, और पैसा आना बंद हो गया है, और अधिकतर सबका कारण यह होता है कि एन. जी. ओ. अपने प्रदाताओं का आभार प्रकट करना और उनका धन्यवाद कहना भूल गये हैं | 1.4 प्रगती की रिपोर्ट्स : धन्यवाद के इलावा प्रदाता यह जानना चाहते हैं की उनके दान किय गये पैसे से क्या पाया गया | प्रगती की रिपोर्ट धन्यवाद कहने का सबसे प्रभावशाली तरीका है | प्रदाता आपकी गतिविधियों में कम रूचि रखते हैं, उन्हे इन गतिविधियों के परिणाम मेंअधिक रूचि होती है, कि आप दान लेते समय बताए गये उद्देश्य तक संपूर्णता या असंपूर्णता से पहुँचे हो या नहीं ? सी. एम.पी ने कुछ और ऐसे दस्तावेज़ रिपोर्ट लिखने पर बनाएँ हैं, उनका इस्तेमाल करो और रिपोर्ट लिखने को संसाधन प्राप्त करने के साथ अनुकूलित करो| निधि एकत्रित करना और रिपोर्ट लिखना एक दूसरे से अलग गतिविधियाँ नहीं हैं | 1.5 ईमानदारी : हर समय उच्च स्तर पर ईमानदारी बनी रहनी चाहिए | यह संगठन की सभी गतिविधियों पर लागू होती है और ख़ास कर निधि एकत्रित करनी वाली गतिविधियों पर | ईमानदारी का बहुत ही अहम हिस्सा है पूरा उत्तरदायितव | हर कार्य का उत्तरदायितव होना चाहिए, और हर पैसे का उत्तरदायितव होना चाहिए | इसका मतलब यह है कि जनता के किसी भी सदस्य को सही, सम्पूर्ण, स्वाभाविक और उच्चित वर्णन वाली रिपोर्ट और आर्थिक रिपोर्ट किसी भी समय उपलब्ध होनी चाहिए | उत्तरदायितव के साथ ही होती है पारदर्शीता | उस समूह का कोई गुप्त कार्यक्रम नहीं होना चाहिए, और जनता के प्रति अपनी गतिविधियों और खर्चों के बारे में ईमानदार होना चाहिए | अभिलेख सार्वजनिक होने चाहिए, मतलब कि जनता का कोई भी सदस्य किसी भी समय उनकी जाँच कर सकता है | ईमानदारी में कोई समझौता नहीं होना चाहिए | एक संगठन के लक्ष्य या उद्देश्य तक पहुँचने के लिए उस संगठन के उद्देश्यों के साथ समझौता नहीं करना चाहिए | वो लोग जो इस समूह की गतिविधियों को अमल में लाने के लिए ज़िम्मेवार हैं, निधि एकत्रित करने की गतिविधि भी, सच्चाई और पूरी तरह से इस समूह के उद्देश्यों औरअच्छाई, इस परियोजना के उपयुक्त मूल्यों और लाभों से आश्वासित होने चाहिए | इस स्तर की ईमानदारी समूह की निरंतरता, परियोजना की स्माप्ति और समुदाय के हित के लिए बहुत ज़रूरी है | 1.6 सकरात्मक भाव की महत्वपूर्णता : हर कोई प्रदाता नहीं होता है | कुछ लोग, एजेन्सीस या वर्ग जो दे सकते हैं प्रंतु वो आपकी संस्था या समुदाय को नहीं देंगे | यदि आप यह नहीं पहचान पाते हो की किसी प्रदाता से दान नहीं पाने में आपकी अपनी या संगठन की हार नहीं है, तो यह लाजमी है की आप साहासहीन हो सकते हो आपका यह सब छोड़ने को मन भी करेगा | आप यह सब मत छोड़ो | आप अपने आपको साहासहीन नहीं होने दे सकते हो क्योंकि यह आपके लिए एक सुख के समान है और आपका संगठन और समुदाय यह सुख का खर्च नहीं उठा सकता | आपको लगातार आठ लोग मना कर सकते हैं परंतु आप हिम्मत मत हारिये क्यूंकी हो सकता है की नौंवा और दसवाँ प्रदाता आपको दान दे | 1.7 परियोजना की निविष्टियों को दर्ज करना और हिसाब करना : यह बहुत ज़रूरी है की सामुदायिक परियोजना में इस्तेमाल किए गये संसाधनों को सही दर्ज किया जाए | अधिकतर कुछ दान (जैसे की सामुदायिक श्रम और भेंट ) याद नहीं रहता या उसका अवमूल्यन किया जाता है, और इस कारण सामुदायिक अंशदान का सही जोड़ दर्ज या सूचित राशि से अधिक होता है | यह अवमूल्यन कई कारणों से हानिकारक होता है : (क) समुदाय के सदस्यों का आत्मयोग्यता का अनुमान कम होता है और इससे उनका आत्मसम्मान कम होता है, (ख) बाहर के प्रदाताओं के पास सामुदायिक अंशदान का अनुमान कम होगा जिसके कारण वो ज़्यादा दान करने से संकोच करेंगे, या (ग) समुदाय की निविष्टियों का सही मोल नहीं पहचानेगें | आपको/ हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सी .बी.ओ या समुदाय की कार्यकारिणी समिति जो सामुदायिक परियोजना का कार्यभार संभालने वाली है वो समुदाय में छिपे हुए संसाधनों के मूल्य को पहचानें | समुदाय को दान किए गये संसाधनों के नकद मूल्य का सही अनुमान लगाना चाहिए - जैसे कि निर्माण में किया गया सामुदायिक श्रम, दान किया गया कुशल श्रम, समुदाय के सदस्यों और नेताओं का नियोजन की बैठकों में दिया गया समय, या गैर आर्थिक भौतिक दान | आपको/ हमें समुदाय को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह इन्हें पहचाने और दर्ज करें | यह आर्थिक अनुमान परियोजना के प्रस्ताव में दिए गये लागत के अनुमान में शामिल होने चाहिए, और असल निर्माण की गतिविधियों के दौरान इन्हें दर्ज करना चाहिए | जब भी सामुदायिक परियोजना की लागत का हिसाब लगाया जाता है, तो उनमें हमेशा यह सब शामिल होना चाहिए प्रदाता का दिया हुआ नकद दान, अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय, सरकारी और गैर सरकारी, इत्यादि, और गैर आर्थिक दान की लागत का अनुमान चाहे वो सामग्री या सेवा हो, या मानव समय और शक्ति हो | 2. दान के प्रकार और स्रोत : यह भाग, प्रदाता एजेन्सी जहाँ औपचारिक रूप में प्रस्ताव देना होता है, से अलग दान के कई विभिन्न भावी प्रदाताओं के बारे में बताता है | (प्रदाता एजेन्सी के बारे में , संसाधन अर्जन प्रस्ताव में बताया गया है |) बहुत सारे भावी प्रदाता होने का मतलब है कि बहुत सारी विशिष्ट तकनीकों का इस्तेमाल इन विधियों में करना : (क) प्रदाताओं को पहचानना, (ख) उन तक अपनी बात पहुँचाना, और (ग) दान इकट्ठा करना (घ) उन्हे धन्यवाद कहना मत भूलना | इस भाग के लिए एक अच्छा वितरण है : आंतरिक संसाधन सूची | 2.1 शहरी वह ग्रामीण समुदाय : परियोजना के लिए संसाधन एकत्रित करने के तरीकों के प्रभाव में कई भिन्नतायें हैं, जो समुदायों की विशिष्टता पर निर्भर करती हैं| उदाहरण के लिए, शहरी समुदाय अक्सर बहुत बड़े होते हैं इस लिए उनमें विरोध और विसंवाद रहता है | छोटे ग्रामीण समुदाय को सुनियोजित करना और उसमें एकता बनाए रखना आसान होता है, प्रंतु इसकी कोई गारंटी नहीं है | शहरी समुदायों में ज़्यादा सामाजिक विसंवाद ( खंडता / विरोध) होते हैं, और ग्रामीण समुदायों के मुक़ाबले में इन्हे सुनियोजित करना कठिन होता है, प्रंतु इनमें भी अमीर इलाक़ों के मुक़ाबले शहर के ग़रीब मोहल्ले वाले इलाक़ों को सुनियोजित करना आसान होता है | ग्रामीण समुदायों के मुक़ाबले शहरों में नकद दान आसानी से मिलता है, ग्रामीण समुदायों में ज़्यादातर खाना और कृषि उत्पाद का दान होता है | 2.2 सार्वजनिक निधि एकत्रन के समारोह : यह कई तरह के रूप में हो सकते हैं | बड़े समुदायों के निधि एकत्रित करने के समारोह बड़े विस्तृत रूप में होते हैं, जिसमें कई उच्च अधिकारी आकर संबोधित करते हैं और अमीर लोग बड़ी रकम दान में देते हैं | इसमें सामुदायिक विद्यालयों से नाच और गाने के कार्यक्रम हो सकते हैं, और इसके साथ साथ अन्य नाच, गाने और मनोरंजन के कई कार्यक्रम भी आयोजित हो सकते हैं | पूर्वी अफ्रीका में ऐसे निधि एकत्रित करने वाले समारोह को " हरमबी" कहते हैं | (2) पन्ने के नीचे का टीका (2): हरमबी हमेशा ही एक सामुदायिक समारोह नहीं होता, आजकल इसका इस्तेमाल अधिकतर एक परिवार द्वारा बच्चों की स्कूल की फीस या चिकित्सा के बिल के लिए निधि एकत्रन के लिए किया जाता है | पश्चिमी अफ्रीका में, ख़ासकर ग्रामीण शहरों में, ऐसे समारोह में उस शहर का मुखिया अध्यक्ष होता है, और मनोरंजन के कार्यक्रम में नाच, गाना, ढोल बजाना और स्थानीय भगवानों और धर्मों द्वारा आत्मा धारण करना भी शामिल होते हैं | कुछ अवसर ऐसे होते हैं, जैसे क्रिया कर्म, जिसमे शामिल होने के लिए शहरी प्रवासी वापिस अपने गाँव लौटते हैं, यह अवसर निधि एकत्रित करने के लिए तो नहीं होते लेकिन हैं, लेकिन इस के कारण बहुत से प्रवासी नागरिक अपने समुदाय के लोगों से मिलते हैं और अपने समुदाय से अलग होने के बावजूद भी अपनी विभिन्नता बनाय रखने की कोशिश करते हैं | इन अवसरों में कई संपर्क बनते हैं जो बाद में रिश्ते (जैसे शादी) या व्यावसायिक संबंध का रूप ले लेते हैं | 2.3 शहरी प्रदाता और ग्रामीण समुदाय : शहरी प्रवासी अपने ग्राम्य समुदायों से मेल बनाए रखते हैं | इस भावना का ग्रामीण सामुदायिक संगठनों को लाभ उठाना चाहिए | कुछ कम प्रतिशत शहरी प्रवासी शहर में धन जमा करते हैं, इन्हे हम अपनी ग्रामीण समुदायों की उन्नति के लिए समझा सकते हैं | घर से दूर होने की भावना, या दूर होने के बावजूद राजभक्ति के भाव के कारण कई अमीर शहरी प्रवासियों से काफ़ी ज़्यादा दान भी मिल जाता है | 2.4 वाणिज्यिक दान : वाणिज्यिक दान में वो सभी उपहार शामिल होते हैं जो फर्म या व्यापारी एक समुदाय को देते हैं अपना समर्थन प्रकाशित करने के लिए | (उन सभी का सार्वजनिक सम्मेलनों में धन्यवाद और आभार व्यक्त करना चाहिए) , समुदाय को प्रोत्साहित करना चाहिए क़ि वह वाणिज्यिक दान के लिए प्रदाता को आश्वासन दें और बतायें क़ि यह उनके हित में ही है क़ि वह परियोजना में सहयोग दें, (जैसे क़ि वाणिज्यिक दान वाले के लिए मुफ़्त का प्रचार और सुनाम होता है )| 2.5 सामुदायिक श्रम : यह एक महत्वपूर्ण आंतरिक संसाधन है (कभी कभी इसमें बाहर के स्वयं सेवक भी शामिल होते हैं) | सामुदायिक सदस्यों द्वारा दान किया गया समय और श्रम सामुदायक श्रम कहलाता है, चाहे वो अशिक्षित हो (जैसे घास सॉफ करना या इंटें बिछाना), कुछ शिक्षित (जैसे मिस्त्री, राजगीर ) प्रबंधन, नेतृत्व, सम्मेलन, नियोजन, निरीक्षण आदि | यह बहुत ज़रूरी है क़ि सामुदायिक परियोजना के नियोजक और अभिकल्पक को आप/ हम सामुदायिक श्रम के दान का उच्चित नकद मूल्यांकन करने के लिए प्रोत्साहित करें | अधिकतर इस अंशदान का हम अवमूल्यन करते हैं, इस का कारण यह है क़ि इसके मूल्य का हमें आभास नहीं होता है, या सबसे महत्वपूर्ण कारण यह भी हो सकता है क़ि यह समुदाय में सामुदायिक सदस्यों के आत्मविश्वास और आत्म मूलायंकन के हीनता के भाव को दर्शाता है| कभी कभी कुछ सामुदायिक सदस्य अपने संसाधनों को छुपाते हैं, क्योंकि वो यह मानते हैं क़ि हम/ या बाहर के लोग तभी संसाधन लाएँगे जब हमें लगेगा की समुदाय ग़रीब है, और उन्हें यह लगता है क़ि आप या हम जैसे दाता समुदाय के आंतरिक संसाधन देखकर अपने संसाधनों का अनुदान रोक लेंगें | आपको / हमें समुदाय के सदस्यों को यह समझाना चाहिए क़ि उन्हें बाहर से संसाधन अधिक तब प्राप्त होंगे जब वह यह व्यक्त करेंगे क़ि उन्होंने अपने आंतरिक संसाधन भी वचन बद्ध कर रखें हैं | 2.6 कृषि दान : किसान परियोजना के लिए आहार दान कर सकतें हैं: (क) वो यह परियोजना में काम कर रहे कर्मचारी को दे सकते हैं, या (ख) परियोजना की कार्यकारिणी समिति को दे सकते हैं ताकि वह उसे बेच कर परियोजना के लिए निधि एकत्रित कर सकें | वह अपनी खेती बाड़ी से अन्य संसाधन भी परियोजना के काम के लिए दान कर सकते हैं (जैसे कि लकड़ी, रेत, कंकड़, बिना खाद्य फसल आदि) | 2.7 दान किया हुआ खाना पकाना : एक किसान परियोजना के लिए खाना दान कर सकता है परंतु उसे खाने योग्य बनाने के लिए पकाना तो पड़ेगा ही | अन्य प्रदाता वो होते हैं जो सामुदाय के सदस्यों के लिए, सामुदायिक कार्यों के दिनों में, खाना और जल पान बनाते हैं | कभी भी उन लोगों का धन्यवाद करना मत भूलिए जो सामुदायिक श्रमिकों के लिए खाना बनाते हैं | 2.8 अंशदान और वचन : अंशदान और वचन सार्वजनिक और सामुदायिक निधि एक्त्त्रन के लेखा कार्य में किए जेया सकते हैं | भागीदार / हिस्सेदार सार्वजनिक सभा में दान करने का निर्णय ले सकते हैं | 2.9 पांसा और लॉटरी : पांसा और लॉटरी जैसे जुए पर आधारित निधि एकत्रित करने के तरीके बड़े संगठित और दुनियादार एन. जी. ओ.स को शोभा देते हैं नाकी नये, ग्रामीण और छोटे सी.बे.ओ. को | 2.10 अनाम दाता : अनाम दाता वो संरक्षक हैं जो अविदित रहते हैं | उनके अपने व्यक्तिगत वैचारिक या धार्मिक कारण होतें हैं, जिसके के कारण वह प्रचार नहीं करना चाहते | निष्कर्ष : समुदायों को अपनी सामुदायिक परियोजना के लिए हम किसी भी तरह से मदद या प्रोत्साहित करें (आर्थिक साँसाथन का हिसाब को भी मिलाकर), आपको/ हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए और हमारे काम को निर्देशित करते रहना चाहिए कि :
सामुदायिक परियोजना के वित्तपोषण वित्तीयन की लागत का हिसाब उचित और सही होना चाहिए, और समुदाय के गैर आर्थिक अनुदान का किसी भी अनुमान में अवमूल्यन नहीं होना चाहिए | जब भी हम किसी समुदाय को सामुदायिक परियोजना के लिए तैयार करते हैं, तो हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह विभिन्न प्रकार के ब्राह्य संसाधन पहचाने (जिससे किसी एक स्रोत पर से निर्भरता कम होती है), और कई आंतरिक संसाधन (जो अकसर दिखाई नहीं देते) को पहचाने और तैयार करें | सामुदायिक परियोजना के लिए संसाधन प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण और आदरणीय ज़िम्मेवारी है; इसे पूरी ईमानदारी, उत्साह और विश्वास के साथ निभाना चाहिए | ––»«––सामुदायिक परियोजना के लिए ईंटें बनाना :( यदि आप इस वेब साइट से पाठ्यांश लेते हैं, तो कृपया लेखक / लेखकों को आभार व्यक्त करें ) |
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