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बौद्धिक योगदान में भाग लेने वालों के लिए कुछ शब्द

के द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.

translated by Avni Singh


प्रशिक्षणपत्र

सुगम कारक भाग लेने वालों को ज़ोर से पढ़के सुना सकते हैं. ये सत्र के पेहले भाग लेने वालों को दिया जेया सकता है ताकि वह तयारि कर सकें

कार्य के नीयम:

"बौद्धिक योगदान सत्र" एक खेल की तरह है. ये एक प्रतियोगिता नही है जिसमे प्रतियोगी जीतना चाहें. ये एक ऐसा सेह भागी खेल है जहाँ पूरा समूह जीतना चाहता है.

हैर खेल की तरह इसमें भी नीयम हैं. ये नीयम बनावती और कुछ समय के लिए. जैसे फुटबॉल में नीयम होते हैं की बॉल फील्ड के अंदर ही रेहनी चाहिए. (अगर बॉल रेखा के बाहर चली जाए टू खेल तब तक रोक दिया जाता है जब तक बॉल एक सही तरीक़े से फील्ड के अंदर वापस लाई जा सके ). फुटबॉल के नीयम असल ज़िंदगी के नीयम नही हैं और सिर्फ़ फुटबॉल खेल के वक़्त ही लगाए जाते हैं.

बौद्धिक योगदान को अपना मक़सद पाने के लिए ये ज़रूरी है की आप ,एक भाग लेने वेल, खेल के दौरान नीयमों को समझें और ध्यान दें.

बौद्धिक योगदान के नीयम काम और आसान हैं. कभी कभी खेल की उत्तेजना में ये भूले जेया सकते हैं. ऐसे में सुगम कारक की ज़िम्मेदारी है की वह समूह को ड्याँ दिलायं नीयम से चलने पर.

एक ज़रूरी नीयम है की बौद्धिक योगदान के दौरान सुगम कारक सवाल करे. ये सवाल आपको और सेहभागियों को कार्य का मार्ग दिखाने के लिए ह्यैं. आप और सेहभागी एक समूह की तरह ज़िम्मेदार हैं जवाब चुनने के लिए (जो सामूहिक फ़ैसले लें ना की इकतरफ़े). सवाल पूच ने सुगम कारक का मक़सद ये है की ज़रूरी विषयों पे ध्यान दिलायं और समूह को सामूहिक फ़ैसला लेने में मदद करें.

सबसे ज़रूरी नीयम बौद्धिक योगदान के दौरान ये है की आपस में बातें और आलोचना ना हो. जब सुगम कारक सवाल करे, हैर भाग लेने वेल को सुझाव देने का न्योता दिआ जाता है. जान भाग लेने वाला कोई सुझाव ना दे टू कोई और इसके बारे में टिप्पंडी ना करे. याद रखें ये नीयम सिर्फ़ सत्र पर लागू है असल ज़िंदगी में नही. (हम फुटबॉल के नीयम भी आसलो ज़िंदगी में नही दोहराते). ध्यान दें की सुगम कारक भी टिप्पंडी, आलोचना या सुझाव नही देगा. सुगम कारक सिर्फ़ दिए सुझाव को बोर्ड पर लिख देगा.

ये नीयम ज़रूरी है. अगर आपको लगे की किसी सेहभागी का सुझाव सही नही है टू सब्र करें; उस सेहभागी के सुझाव का जवाब ना दें, टिप्पंडी ना करें,आलोचना ना करें, कुछ ना कहें. आप कोई भी सुझाव दे सकते हैं, अगर वो किसी दिए सुझाव से विपरीत हो तब भी. और सुगम कारक आपका सुझाव भी बोर्ड पर लिख देगा.

सुगम कारक का काम है ध्यान बनाए रखना. आपका मान कर सकता है चर्चा के समय टिप्पंडी करने का और शायद चर्चा भटकाने का. संयम रखें की अपने सुझाव आप पुर समूह तक पहुँचाएं सुगम कारक द्वारा. ये समूह की मदद करेगा और बौद्धिक योगदान को सामोहिक फ़ैसले लेने में ज़्यादा कार्यसाधक और प्रभावी बनाएगा.

विषय:

बौद्धिक योगदान तकनीकों को सुधार कर काफ़ी स्थितियों और विषयों में इस्तेमाल किया जा सकता है. इन सभी सामूहिक प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का लक्ष्य क्षमता बढ़ाना और समूह शक्ति-प्रदान है. जिन विषयाओं पर आपके सुगम कारक ध्यान देंगे इसलिए वह इसी लक्ष्य पर उधारित हैं.

सुगम कारक ये पूच कर शुरू करेंगे की समूह ( या समाज की) बड़ी परेशानियाँ क्या हैं. आपको आपके सेह भागियों की तरह सुझाव देने का मौक़ा मिलेगा जिसे सुगम कारक बोर्ड पर लिख देगा. यह समूह के लिए सबसे ज़रूरी होना चाहिए.

आप शायद ये सुझाव देना चाहें की कोई डांस हॉल नही है..सुगम कारक आपसे सेहमत हो सकता है और नही; वह बस आपका सुझाव बोर्ड पर लिख देगा. कुछ लोग आपसे सेहमत नही होंगे पर बौद्धिक योगदान में बेहेंस या चर्चा करने का समय नही होता. बाक़ी सेह भागी केह सकते हैं की परिवहँ काफ़ी नही है, कुछ केह सकते हैं की सॉफ पीने का पानी नही है, कुछ केह सकते हैं की बीमारियों बहुत बढ़ गयी हैं या की ग़रीबी ज़्यादा है. सुगम कारक किसी के बारे में विचार नही बनाएगा. सभी सुझावों को महत्व के हिसाब से लगाना पुर समूह का काम है एक टुकड़े या एक इंसान का नही.

जब समूह परेशानियों को महत्व के हिसाब से लगा दे , तब सुगम कारक ये समझएेगा की सबसे ज़रूरी है समूह के लिए पेहली परेशानी का साधन करें.

लक्ष्या आम तौर पर इच्छीत होता है. ये मापने योग्य या निश्चित नही होता. सुगम कारक का अगला कार्य ये है की वो समूह को एक आम लक्ष्य को मापने योग्य और निश्चित रूप दे. ( देखें पत्र SMART उद्देश्यों के गुणों की सूची देखने के लिए. ). बौद्धिक योगदान का ये चेहरे सामोहिक प्रशिक्षण के लिए है और बाक़ी बौद्धिक योगदानो का हिस्सा नही हो सकता है जहाँ विषय अलग हों.

जब समूह ने उद्देश्य निश्चित कर लिए हों, तब उसने पेहला सवाल 4 ज़रूरी प्रबंध सवालों में से बता दिया है.:

  • हमे क्या चाहिए?
  • हमारे पास क्या है?
  • जो हमारे पास है उससे वो कैसे पायं जो चाहिए?
  • क्या होगा अगर हमने पा लिया?

ये चार सवाल प्रबंध के मुख्य हैं और इसीलिए सामूहिक क्षमता निर्माण के भी ( इसलिए ये बौधिक योगदान सत्रों के लिए विषय चुने गाये हैं. ).

इन सत्रों में बौधिक योगदान इन 4 सवालों को एक सामोहिक जवाब देने के लिए एक भाग उपकरण की तरह इस्तेमाल किया गया है, ताकि एक सेहभागी समूह के अंदर या बाहर इसका जवाब ना दे. सवालों का जवाब देने से निश्चय लिया जाता है की समूह का कार्य क्या है और उन्हे पूरा करने के तरीक़ा क्या होना चाहिए.

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एक बौद्धिक योगदान


एक बौद्धिक योगदान

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© कॉपीराइट १९६७, १९८७, २००७ फिल बार्टले
वेबडिजाईनर लुर्ड्स सदा
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आखरी अपडेट: २०.०७.२०११

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