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'العربية / al-ʿarabīyah |
जो सबक सीखसम्भावनाओ की अभिज्ञता आगे बढने के लियेके द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.
translated by Shilpa Sharmaशिक्षण हन्डआउटजैसे जैसे समाज सेवक समाज मे से आते और जाते है, उनके बीच मे संयोजन और निरन्तरता होना जरुरी है; जो चिजे हर एक समाज सेवक सिखता है उसे पुरे मध्यवर्तन मे संस्था की याददाश्त का हिस्सा होना चहियेहम अपनी सफलताओ और अपनी भूलो से, उपलब्धियो और गलतियो से शिख सकते है. याद रखें के भुलें और गलतिया विपत्ति या आपदा से अलग है. गलती विफलता नहि है, हर इन्सान गलती करता है. गलती आपदा भी नहि है, अगर आप कुछ प्राप्त करने मे असफल हुए है इसका मतलब यह नहि अहै कि आप परास्त हो गए है. आपदा जीवन का या समय का अंत नहि है. अगर हम गिर जाए तो हमे उठकर आगे बढना होगा. एक समय पे एक दिन. अगर आपने सफलता पूर्वक समाज को पाखाना बनाने मे या फिर कोई और उदेश्य पुरा करने मे मार्ग दर्शन दिया है तो आप एक कदम आगे बढे है उनको आत्मनिर्भ बनाने मे. यह कार्य आसानी से बिना कोई र्विघ्न के, निपुणता से खत्म नहि हुआ होगा. अगर आप यह मानते है तो आप अपने आप से ईमानदार नहि हो रहे. क्रिया का और उसमे अपनी भूमिका का विश्लेशण करे. अपनी गल्तियो को ईमानदार होकर बहादुरी से माने. समाज सेवा के चक्र के अपने विश्लेशण को लिखें. गल्तियो और असफलताओ के बारे मे विषयाश्रित और अपक्षपाती रहें, इन्हे बहाना बनाकर अपने आपको उदासी से शिथिल ना करें. इन्को पाठ की तरह माने जिन्से आप सिख सकते है, यह कोईभि किताबी ज्ञान से (टेक्स्ट बूक या ऐसे हेन्डआउट) कहि ज्यादा उपयोगी और यथार्थवादी है. अपनी जर्नल, विश्लेषण और सिखे पाठो का इस्त्माल करके ज्यादा समर्थ और गुणी समाज सेवक बनें. यहि सब समाज के साथ और समाज के लिये करें. ––»«––अगर
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