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'العربية / al-ʿarabīyah |
समाज सेवा की गतिविधि को जारी रखनाएक समाजिक प्रायोजना केवल शुरुआत हैके द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.
translated by Shilpa Sharmaशिक्षण हन्डआउटहर एक हस्तक्षेप, हर एक समाज सेवा का चक्र, हर समाजिक प्रायोजना, समाज के अधिकार को बढाने मे योगदान देती है, इसलिये इन कार्यो को पुनरावृत्त करना चाहिये.पहले, आपके काम को –आपके हस्तक्षेप को– समाज के प्रक्रम के लिये प्रोत्साहन कि तरह वर्णनित किया गया था. क्रियाओ की यह श्रेणी, (मूल्यांकन, अभिज्ञता बढाना, एकता की रचना करना, कार्य का नियोजन और अमल और फिर से मूल्यांकन), समाज को बलवान और आत्मनिर्भर बनने मे प्रोतसाहन देती है. यहा पर "चक्र" शब्द का इसतमाल करना शायद सहि नहि है. प्रायोजना के खत्म होने पर आप वापस जाकर शुरु से शुरुआत करते है, मगर आप मे और समाज मे बदलाव आ चुका है. एक पुरानी बौद्धधर्मी कहावत के अनुसार, " वही आदमी वही नदि को दो बार पार नहि कर सकता," (दोनो आदमी और नदि निरंतर बदल रहे है). फिरभी आप चाहेंगे के आवश्यक मध्यवर्तन को दोहराये और महत्वपूर्ण समाजिक प्रक्रम को प्रोतसाहन दे. जैसे एक साईकल का पैया गोल गोल घुमता है और हरएक चक्र के साथ पथ पे आगे बढ़ता है. तब तक कार्य शुरु हो तब से आपको कार्य से अपने अनिवार्य प्रस्थान को ध्यान मे रखना होगा. अगर समाज आपके बगैर प्रगति ना कर सकें तो वह आप पर निर्भर है. निर्भरता आपकि दुश्मन है. जब आ चक्र की पुनरावृत्ति को जारी रखेंगे, उसके साथ आपका लक्ष्य अपने आप को दूर करना भी होगा, ताकि चक्र आपके बगैर जारी रह सके. अगर आपको बदला जयेगा तो आपकी जर्नल मे आपके नोट्स, जो आपने शुरु से रखे है, आपके सौंपना विवरण का आधार होने चाहिये. अगर आपकि संस्था आपको नहि बदलती तो आपको अपने समाज मे से किसी को चुन कर उनका विकास करना चहिये. ––»«––अगर
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